יום חמישי, 23 באוגוסט 2007

सोचो तो जरा

क्या हो रहा है आज दुनिया में,
क्योँ लोग इस कदर एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं
क्या हम अपनी भावनाओ को बदल नहीं सकते
क्या शांति से रहना हमारे वश में नही है
जरा सोचो परिणाम के बारे में
फिर कुछ करने की ठान लो
आगे बढो यह समाज, यह देश आपका ही है
यहीं आपको भी रहना है
तो यहा का वातावरण खराब क्योँ करते हो.

0 תגובות:

הוסף רשומת תגובה

הירשם תגובות לפרסום [Atom]

<< דף הבית